Saturday 28 April 2018

कमी तो है मुझमे


कमी तो है मुझमे
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उससे मिलने के बाद मुझे 
अब यकीं सा होने लगा है ;
कोई ना कोई कमी तो है मुझमे
तभी तो आज भी जब मैं
उससे मिलता हु तब भी वो
कुछ उदास और खोयी-खोयी
सी नज़र आती है;
जो अक्सर कहते नहीं थकती
की जब तुम नहीं होते साथ मेरे
तो तुझे मैं हर एक शै: में ढूंढती हु
पहरों सोचती हु तुम्हारे बारे
आस लगाती हु तुमसे मिलने की
पर जब मैं उसके साथ होता हु
तो कुछ उदास और खोयी-खोयी
सी किन्यु नज़र आती है

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !