Sunday, 15 April 2018

इंसानो ने चुप्पी साध ली है


इंसानो ने चुप्पी साध ली है
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भेड़ियों की बस्ती में
आज एक और बेटी ने
आज एक और बहन ने
आज एक और माँ ने
अपनी अस्मत खोई है
लगता है जैसे हमारे
शेरों ने कुत्तों की खाल
भेड़ियों की तादाद से
डर कर पहन ली है
और शेरनियां भी जैसे
भेड़ियों के डर से अपनी
मांद में आज दुबक कर सोई है
और तो और इन भेड़िओं के डर से
इंसानो ने भी चुप्पी साध ली है
पता नहीं और किस किस की
बेटियां को किस किस की
बहनो को किस किस की
माओं को अपनी अस्मत खोनी है

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !