Friday, 24 May 2019

तेरी खुशबू !


विरह ये मिलन हो जाए ,
गर तेरा कोई कमाल हो जाये ; 

ज़िन्दगी मेरी गुलशन हो जाए ,
तू अगर मेरा दूल्हा हो जाए ;

ख्याल तेरा मेरी आयत हो जाए ,
तू अगर मुझ पर फ़िदा हो जाए ;

रत जगो की मिसाल हो जाए ,
आँखें तेरी बेदारियाँ में खो जाए ; 

तेरु खुशबू गर मेरा वज़ूद हो जाए ;
तो लम्हा ये तकमील-ए-हाल हो जाए !  

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !