तू आ जा !
किस बहाने कहूँ तुझे
की मेरे पास अब तो तू आ जा
थम ना जाये कहीं
ये जुनूं की अब तो तू आ जा
बन कर तू इस दिल का
सकूँ ही अब तो तू आ जा
हो चली हूँ मैं अब तो नीली
नीली की अब तो तू आ जा
किस से करूँ मैं बात तेरी
की अब तो तू आ जा
कब से विरान है दिल मेरा
की अब तो तू आ जा
अजिय्यत में अपनी ही
ऑंखें मैं ही ना नोच लूँ
की अब तो तू आ जा
कब से तुझे बुला रही हूँ
की अब तो तू आ जा
कल को ये भी ना कर पाऊं
उस के पहले की अब तो तू आ जा
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