Saturday, 30 March 2019

प्रेम कसता है ताने !

प्रेम कसता है ताने !

प्रेम कभी तो खड़ा होता है, 
जीवन की अकेली और सुनसान राहों पर; 

या फिर कभी खड़ा होता है, 
वो वक़्त के व्यस्ततम मुहानों पर; 

वो साथ हो लेता लेता है, 
हर एक साहसी व दुस्साहसी के साथ; 

जो उस से नज़र मिलाकर उसका, 
सामना करने को हर वक़्त रहता है तैयार; 

नहीं तो वही प्रेम कई बार कसता है, 
ताने और करता है किलोल उस के साथ; 

जो अक्सर उसे हवाला देते है, 
अपनी मज़बूरियों का और जो करते है;   

उस प्रेम को दरकिनार वो भी, 
किसी अनजान और दकियानूसी 
सोच की कर के परवाह ! 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !