जुदा धड़कने !
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वो दोनों इकट्ठे रहते हैं,
इकट्ठे सोते हैं,
उनके दुख सुख एक हैं,
उनकी आँखें एक दूसरे के
ख़्वाब भी देख लेती हैं;
वो कहीं भी हों,
एक दूसरे के नामों से
जाने जाते हैं;
उनके घर आने वाले,
अपनी दस्तक में दोनों
का नाम शामिल कर लेते हैं;
दिन के पहले हिस्से में,
उनकी आँखें एक दूसरे
को ख़ुश-आमदीद कहती हैं;
उनकी साँसों की रिदम,
उनके जिस्म की हरकत से,
एक दूसरे के होने का इत्मिनान
दिलाता है;
वो अक्सर अब,
एक दूसरे की नींद सो लेते हैं,
लेकिन इन सब के बावजूद;
अक्सर गहरी रातों में,
उनके दोनों दिल अपने
अपने सीनों में अलग अलग
धड़कते हुए सुनाई देते हैं;
जबकि वो दोनों
इकट्ठे रहते हैं,
इकट्ठे सोते हैं !
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