वीर जाबांज़ सपूतों !
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भारत तेरे वीर जाबांज़,
सपूतों ने अपने रक्त से,
अपने ही अदम्य साहस,
कि अमर गाथा लिखी है,
उठो ओ वीर जाबांज़ सपूतों,
अब तुम्हे ही नए सुदृढ़ भारत,
का निर्माण करना है;
ओ जांबाज़ जवानों उठो,
तुम्हें बस उस इतिहास,
को दोहराकर जीत का,
विगुल बजाना है,
उठो ओ वीर जाबांज़ सपूतों,
अब तुम्हे ही नए सुदृढ़ भारत,
का निर्माण करना है;
ओ पावन धरा के तरुणों,
जन-जन के जीवन में फिर,
से नई स्फूर्ति नई जान नए
प्राण भरना है;
उठो ओ वीर जाबांज़ सपूतों,
अब तुम्हे ही नए सुदृढ़ भारत,
का निर्माण करना है;
आओ वीर जाबांज़ सपूतों,
अब तुम्हें भी अपने रक्त,
से उसी अदम्य साहस से,
फिर वही विजय गान गाना है !
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