ज़िन्दगी नामक किताब !
ज़िन्दगी नाम की जो,
ये किताब है इस किताब
की ज़िल्द है माँ;
हैं ना ?
जिस किताब की जिल्द
है माँ तो उस किताब का
शीर्षक है पिता;
है ना ?
किताब का जिल्द जब फट
जाता है, फिर उस किताब के
पन्ने जल्द ही बिखर जाते है;
है ना ?
अतः इस किताब के जिल्द,
और शीर्षक को संभाल कर,
रखने की जिम्मेदारी हमारी है;
है ना ?
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