मेरे होने की वजह है वो एक शख़्स ,
पर मुझ से खफा है वो एक शख़्स ;
एक उम्र से मुझसे दूर है वो लेकिन ,
फिर भी इस दिल में रहता है वो एक शख़्स ;
उसके बिना मैं जिन्दा ही नहीं होती ,
मेरे जीने की आस है वो एक शख़्स ;
उस के बिना मैं तो मैं नहीं रहती ,
क्या मेरे इस जिस्म का दिल है वो एक शख़्स ;
मेरे दिल की ख़्वाहिशें एक सिर्फ वो जानता है ,
किस क़दर मुझसे परिचित है वो एक शख़्स ;
उस से मेरा उतना ही मेल मुमकिन है ,
इस क़दर इस रूह की लिबास है वो एक शख़्स !
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