Sunday, 30 December 2018

अभिव्यक्त अभिव्यक्ति !

अभिव्यक्त अभिव्यक्ति !
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मेरी अभिव्यक्ति 
को पढ़कर भी यु 
जितना आसान 
होता है तुम्हारे 
लिये खामोश 
रहना ,

उतना ही मुश्किल 
होता है यु रोज रोज 
मेरे लिये तुम्हारा 
वो प्यार लिखना ,

जितना आसान 
होता है तुम्हारा 
मुझे देखकर भी
यु सुबह सुबह 
नजरअंदाज करना,

उतना ही मुश्किल 
होता है मेरे लिए 
तुम्हारी वो नज़र-
अंदाज़ी के अंदाज़ 
लिखना,

फिर भी तुम्हारी 
ख़ामोशी मुझे 
करती है विवश 
अब भी करने को 
अभिव्यक्त मेरी 
अभिव्यक्ति !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !