अभिव्यक्त अभिव्यक्ति !
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मेरी अभिव्यक्ति
को पढ़कर भी यु
जितना आसान
होता है तुम्हारे
लिये खामोश
रहना ,
उतना ही मुश्किल
होता है यु रोज रोज
मेरे लिये तुम्हारा
वो प्यार लिखना ,
जितना आसान
होता है तुम्हारा
मुझे देखकर भी
यु सुबह सुबह
नजरअंदाज करना,
उतना ही मुश्किल
होता है मेरे लिए
तुम्हारी वो नज़र-
अंदाज़ी के अंदाज़
लिखना,
फिर भी तुम्हारी
ख़ामोशी मुझे
करती है विवश
अब भी करने को
अभिव्यक्त मेरी
अभिव्यक्ति !
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