Saturday 22 December 2018

सर्वोपरि सर्वश्रेष्ठ प्रेम!

सर्वोपरि सर्वश्रेष्ठ प्रेम!
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एक मात्र भाव 
जो मुक्त है हर 
एक द्व्न्द से;

सर्वोपरि व  
सर्वश्रेष्ठ पाक 
प्रेम हमारा,

सीमाहीन है ये 
इसको दायरों में 
बांधा नहीं जा सकता,

दिखता भी है और  
महसूस भी किया 
जा सकता है;

प्रेम हमारा 
अमर है कभी 
दम नहीं तोड़ेगा
अजेय है कभी 
घुटने नहीं टेकेगा,

किसी भी और कैसी 
भी परिस्थिति में
रहेगा सदा ये अडिग
निर्भय प्रेम हमारा!

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !