मैं तुम्हारे पास चला आता हु !
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तुमसे दूर जाने की बहुत सी
वजहें थी मेरे पास और बहुत
सी वजहें आज भी है मेरे पास;
पर जब भी पहले प्यार का जिक्र
होता है कंही भी तब तुम मुझे
इस कदर याद आती हो की
सबकुछ भुलाकर मैं दौड़ा-दौड़ा
तुम्हारे पास चला आता हु,
तुमसे दूर जाने की बहुत सी
वजहें थी मेरे पास और बहुत
सी वजहें आज भी है मेरे पास;
पर जब भी पहले प्यार पर लिखी
लिखी खुद की कविता अकेले में
गुनगुनाता हु मैं तब तुम मुझे
इस कदर याद आती हो की
सबकुछ भुलाकर मैं दौड़ा-दौड़ा
तुम्हारे पास चला आता हु,
तुमसे दूर जाने की बहुत सी
वजहें थी मेरे पास और बहुत
सी वजहें आज भी है मेरे पास;
पर जब जब निहारा खुद को
आईने में मैंने तब-तब मेरी
आँखों में छाया तुम्हारा वज़ूद
देखकर तुम मुझे इस कदर
याद आती हो की सबकुछ
भुलाकर मैं दौड़ा-दौड़ा
तुम्हारे पास चला आता हु,
तुमसे दूर जाने की बहुत सी
वजहें थी मेरे पास और बहुत
सी वजहें आज भी है मेरे पास;
पर जब भी सोचा तुम्हारी
वीरानियों के बारे में तब तुम
मुझे इस कदर याद आती हो की
सबकुछ भुलाकर मैं दौड़ा-दौड़ा
तुम्हारे पास चला आता हु!
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