Sunday, 4 November 2018

मैं तुम्हारे पास चला आता हु !

मैं तुम्हारे पास चला आता हु !
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तुमसे दूर जाने की बहुत सी 
वजहें थी मेरे पास और बहुत 
सी वजहें आज भी है मेरे पास; 

पर जब भी पहले प्यार का जिक्र 
होता है कंही भी तब तुम मुझे 
इस कदर याद आती हो की 
सबकुछ भुलाकर मैं दौड़ा-दौड़ा 
तुम्हारे पास चला आता हु,

तुमसे दूर जाने की बहुत सी 
वजहें थी मेरे पास और बहुत 
सी वजहें आज भी है मेरे पास; 

पर जब भी पहले प्यार पर लिखी 
लिखी खुद की कविता अकेले में 
गुनगुनाता हु मैं तब तुम मुझे 
इस कदर याद आती हो की 
सबकुछ भुलाकर मैं दौड़ा-दौड़ा 
तुम्हारे पास चला आता हु,
  
तुमसे दूर जाने की बहुत सी 
वजहें थी मेरे पास और बहुत 
सी वजहें आज भी है मेरे पास; 

पर जब जब निहारा खुद को 
आईने में मैंने तब-तब मेरी 
आँखों में छाया तुम्हारा वज़ूद 
देखकर तुम मुझे इस कदर 
याद आती हो की सबकुछ 
भुलाकर मैं दौड़ा-दौड़ा 
तुम्हारे पास चला आता हु,

तुमसे दूर जाने की बहुत सी 
वजहें थी मेरे पास और बहुत 
सी वजहें आज भी है मेरे पास; 

पर जब भी सोचा तुम्हारी 
वीरानियों के बारे में तब तुम 
मुझे इस कदर याद आती हो की 
सबकुछ भुलाकर मैं दौड़ा-दौड़ा 
तुम्हारे पास चला आता हु!

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