एक नयी कहानी बुन लू !
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आ आज पास तू मेरे
तुझे कुछ अपनी सुनाऊ
और कुछ तेरी सुन लू;
सपने जो अधूरे है तेरे
आ आज उनको फिर से
अपनी पलकों से चुन लू;
मैं जो लिखता रहता हु
इतना कुछ सिर्फ तुम पर
आ आज फिर कोई नयी
नवेली सी एक धुन चुन लू;
रिमझिम-रिमझिम सी
इस इस ओस की रुत में
बावरा मेरा मन जो खोजे
आ आज तेरी खुली आँखों
से एक नया स्वप्न देख लू;
आ आज फिर पास तू मेरे
की अपने प्रेम की एक नयी
कहानी मैं बुन लू !
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