Wednesday, 24 January 2018

जब थामा था तुम्हारा हाथ

जब पहली बार थामा था 
मैंने तुम्हारा हाथ 
मेरे इन हाथो में ;
तुम्हारे एक हाथ में था 
तुम्हारा अतीत और दूसरे 
हाथ में था हमदोनो का भविष्य;
दिमाग ने कहा पहले पढू 
तुम्हारा अतीत और दिल ने कहा;
बढ़ो भविष्य की ओर उस दिन भी 
मानी थी मैंने अपने दिल की बात; 
आज भी मान रहा हु उसी दिल की बात 
और एक बार फिर चाहता हु देना 
अवसर तुम्हे मेरे पास लौट आने का; 
सुनो इस बार फेंक आना अपने 
अतीत के काले पन्ने को सजाने 
हमदोनो का वर्तमान और भविष्य  
  

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !