Saturday, 27 January 2018

साथ लिख दिया था

उस ऊपर वाले ने तो 
उसी दिन लिख दिया था 
तुम्हारा साथ जिस दिन 
मैंने रखा था अपना पहला कदम 
सूक्ष्म रूप में अपनी माँ की कोख में
आज आभार प्रकट करने का 
मन कर रहा है उन सभी का 
जिन्होंने अपना योगदान दिया
तुम्हे मुझसे मिलाने में सबसे  
पहले आभार उस विराट 
प्रकृति का जिसमे ये सब 
घटित हुआ और आभार उस
पथ का जिस पथ पर चल कर 
तुम मुझे मिली हां आभार उस 
तलाश का जिसने खोजी मेरी मंज़िल 
और आभार तुम्हारा अपना हाथ 
मेरे हाथ में आने दिया इस वादे 
के साथ की वो हाथ होगा साथ  
मेरे आने वाले हर जन्म में

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !