Saturday, 13 January 2018

पतंग का जीवन

मेरी डोर तेरे हाथ 
इसका रखना सदा ध्यान 
पतंग का जीवन 
सदा रहे बंधा 
उसकी डोर में 
इसका रखना सदा ध्यान 
मेरी डोर तेरे हाथ 
लगा है मेला आकाश में
मेरी पतंग उलझे नहीं
मेरी पतंग कटे नहीं  
इसका रखना सदा ध्यान 
मेरी डोर तेरे हाथ 
मेरी पतंग किसी ओर
डालिओं में ना फसे 
इसका रखना सदा ध्यान 
मेरी पतंग को रहे सदा
हवा की गति और 
दिशा का ज्ञान 
इसका रखना सदा ध्यान 
मेरी डोर तेरे हाथ
कितनी ही देर रहे
वो चाहे ऊंचाई पर 
पर अंततः करे वो  
प्रयाण तेरी ओर
इसका रखना सदा ध्यान 
पतंग का आराध्य 
रहे सदा शिव  
इसका रखना सदा ध्यान 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !