क्या होगा तुम्हारी
सबसे प्यारी आदत का
जब तुम्हे पता चलेगा
की जिस आदत से तुम
चिढ़ाती थी उसे वो
अब बहुत दूर जा
चूका है तुमसे जहा
कोई उसे अब तंग
नहीं कर सकता अपनी
आदत और लापरवाहियों से
जैसे उसकी चाहत थी
रोज सुबह तुम्हे
छोड़ने की तुम्हारे ऑफिस
जैसे उसकी चाहत थी
रोज शाम तुम्हारे साथ
बातें करते हुए टहलने की
जैसे उसकी चाहत थी
तुम्हारे साथ एक घर
बसा दोनों के बच्चो
के साथ खेलने की
ऐसी कितनी ही चाहतों
के साथ वो अब बहुत
दूर चला गया है तुमसे
क्या होगा तुम्हारी
सबसे प्यारी आदत का
सबसे प्यारी आदत का
जब तुम्हे पता चलेगा
की जिस आदत से तुम
चिढ़ाती थी उसे वो
अब बहुत दूर जा
चूका है तुमसे जहा
कोई उसे अब तंग
नहीं कर सकता अपनी
आदत और लापरवाहियों से
जैसे उसकी चाहत थी
रोज सुबह तुम्हे
छोड़ने की तुम्हारे ऑफिस
जैसे उसकी चाहत थी
रोज शाम तुम्हारे साथ
बातें करते हुए टहलने की
जैसे उसकी चाहत थी
तुम्हारे साथ एक घर
बसा दोनों के बच्चो
के साथ खेलने की
ऐसी कितनी ही चाहतों
के साथ वो अब बहुत
दूर चला गया है तुमसे
क्या होगा तुम्हारी
सबसे प्यारी आदत का
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