क्या तुम बता सकती हो
ये रोज-रोज ची-ची कर
शोर मचाने वाला चिड़ा आज
इतना खामोश किन्यु है ?
क्या तुम बता सकती हो
ये रोज-रोज ची-ची कर
उड़ने वाला चिड़ा आज किन्यु
बैठा है खामोश जैसे किसी ने
पंख क़तर दिए है इसके ?
क्या तुम बता सकती हो
ये रोज-रोज ची-ची कर
अपनी चोंच को भर लाने
वाला चिड़ा अब तक भूखा किन्यु है ?
क्या तुम बता सकती हो
ये रोज-रोज ची-ची कर
अपने सीने में जमी ठण्ड को
गर्म भाप और गर्म पानी से
मिटाने वाला चिड़ा आज
इतना खामोश किन्यु है ?
शायद तुम्हे पता है पर तुम
कहना नहीं चाहती अपनी जुबा से
की उसकी देह खोज रही है
अपनी धुप (गौरैया ) को
और धुप (गौरैया ) आज कंही छोड़ कर
चली गयी है उससे दूर
ये रोज-रोज ची-ची कर
शोर मचाने वाला चिड़ा आज
इतना खामोश किन्यु है ?
क्या तुम बता सकती हो
ये रोज-रोज ची-ची कर
उड़ने वाला चिड़ा आज किन्यु
बैठा है खामोश जैसे किसी ने
पंख क़तर दिए है इसके ?
क्या तुम बता सकती हो
ये रोज-रोज ची-ची कर
अपनी चोंच को भर लाने
वाला चिड़ा अब तक भूखा किन्यु है ?
क्या तुम बता सकती हो
ये रोज-रोज ची-ची कर
अपने सीने में जमी ठण्ड को
गर्म भाप और गर्म पानी से
मिटाने वाला चिड़ा आज
इतना खामोश किन्यु है ?
शायद तुम्हे पता है पर तुम
कहना नहीं चाहती अपनी जुबा से
की उसकी देह खोज रही है
अपनी धुप (गौरैया ) को
और धुप (गौरैया ) आज कंही छोड़ कर
चली गयी है उससे दूर
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