जो कहते नहीं थकती थी
तुम ही मेरी दुनिया हो
तुम ही मेरा सूरज
तुम ही मेरा चाँद हो
इन्ही शब्दों पर कर
ऐतबार मैंने तुम्हारे
हिस्से के पुरे आसमान
पर अपनी तमाम उम्र
लिख दी तुम सिर्फ
इतना ही कर देना
धरती पर एक अर्थी
बिछे उतने ही हिस्से पर
लिख देना की तुझमे
उस हिस्से जितना प्रेम
करने की हिम्मत है
तो मैं मान लूंगा इस
ज़िन्दगी का एक नाम
सुख भी था नहीं तो
मैं सिर्फ ये समझूंगा
उन सब्दो को जब
अर्थ देना का समय
आया तो तुम्हारा प्रेम
चार इंच की दहलीज़
भी पार करने की हिम्मत
नहीं कर पाया
तुम ही मेरी दुनिया हो
तुम ही मेरा सूरज
तुम ही मेरा चाँद हो
इन्ही शब्दों पर कर
ऐतबार मैंने तुम्हारे
हिस्से के पुरे आसमान
पर अपनी तमाम उम्र
लिख दी तुम सिर्फ
इतना ही कर देना
धरती पर एक अर्थी
बिछे उतने ही हिस्से पर
लिख देना की तुझमे
उस हिस्से जितना प्रेम
करने की हिम्मत है
तो मैं मान लूंगा इस
ज़िन्दगी का एक नाम
सुख भी था नहीं तो
मैं सिर्फ ये समझूंगा
उन सब्दो को जब
अर्थ देना का समय
आया तो तुम्हारा प्रेम
चार इंच की दहलीज़
भी पार करने की हिम्मत
नहीं कर पाया
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