वो प्रेम कंहा होता है
जहा दिल पर दिमाग
काबू पा लेता है;
प्रेम तो वो होता है
जंहा आँखें देखती है
सामने खायी और दिल
उसमे भी सागर देख लेता है
वो प्रेम कंहा होता है
जहा दिल पर दिमाग
काबू पा लेता है;
मैंने कहा उस से अब
मुझसे तुम तब कहना
मैं तुम्हे प्रेम करती हु
जब तुझमे ताकत
आ जाये अपनी
दहलीज़ लांघने की
उस दिन के बाद
उसने मुझे कहना ही
छोड़ दिया की मैं तुमसे
प्रेम करती हु
वो प्रेम कंहा होता है
जहा दिल पर दिमाग
काबू पा लेता है;
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