Sunday, 10 December 2017

"प्रेम तुम्हारा "

एक मात्र भाव 
जो मुक्त है 
हर दव्न्द से
सर्वोपरि , 
सर्वश्रेष्ठ पाक 
"प्रेम तुम्हारा "
सीमाहीन है
इसको दायरों में 
बांधा नहीं जा सकता
दीखता भी है 
महसूस भी किया 
जा सकता है 
"प्रेम मेरा"
अमर है कभी 
दम नहीं तोड़ेगा
अजेय है कभी 
घुटने नहीं टेकेगा 
किसी भी परिस्थिति में
अडिग,निर्भय   
"प्रेम हमारा "

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !