Wednesday, 27 December 2017

दिल उम्मीद में है

पहली शर्द सी 
मुलाकात में ही  
मेरे दिल ने बो 
दिया था कच्चा सा 
एक ख्वाब मेरी  
इन आँखों में ;
शहद सी धुप 
अब चढ़ने लगी है 
और मेरी रूह की 
जमीन पर वो ख्वाब 
पकने लगा है
दिल ए रूह मेरी 
अब उम्मीद में है

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !