कविता !
मुझे पता है,
तुम अब तक
नहीं लिख पायी हो,
कविता मेरे लिए लेकिन,
सुनो सच कहूं तो तुम्हारे
होंठों पर फैली वो मुस्कान,
मुझे लगती है तुम्हारे द्वारा
मेरे ऊपर लिखी गयी सबसे
सुन्दर और हंसी कविता होती है,
जब जब तुम्हे देखता हूँ यूँ खुलकर
मुस्कुराते हुए तब तब मेरी सारी कविताये
एक पांव पर खड़ी हो कर तुम्हारी उस मुस्कान
पर लगातार तालियाँ बजाती नज़र आती है !
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