बेजुबान ख़ामोशी !
तुम्हारा दिया सबकुछ
बचा कर रखा है मैंने
एक सिर्फ तुम्हारे लिए !
कुछ आधी अधूरी धुनें
कुछ पूरी पूरी सिसकती
हुई सी आवाज़ें !
कुछ कदम एक ही जगह
कब से ठहरे हुए है !
कुछ आँसुओं की बूंदें
कुछ उखड़ती हुई सी
सांसें और कुछ आधी
अधूरी कवितायेँ !
कुछ तड़पते से एहसास
कुछ बेजुबान ख़ामोशी
कुछ चुभते हुए से दर्द !
तुम आओ अब मुझसे
ये नहीं संभलते अकेले
आकर सम्भालो इनको !
जो दिया था तुमने मुझे
वो सबकुछ बचा कर रखा है
मैंने एक सिर्फ तुम्हारे लिए !
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