Monday, 13 November 2017

एक हसीं सी शाम

एक परिधि है
मेरी जहाँ मेरे 
बीतते दिन 
के सूरज की 
आखिरी किरण 
मेरे इस प्यारी सी  
चाँद की चांदनी 
को देखकर 
थोड़ी सी सकुचाते हुए 
अपने दिन को 
अलविदा कर देती हैं, 
और एक हसीं सी 
शाम मेरे नाम यु 
रोज कर जाती हैं...

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !