Saturday, 11 November 2017

अभिव्यक्ति की परिभाषा


कई बार दिल करता है 
की कुछ नाम दूं 
इसे या फिर इसे  ;
जोड़ दूं अपने 
मौन के साथ
किसी मौसम का 
नया रंग हो शायद
या फिर हो ज़िन्दगी 
की अनजानी आहट
एक सुबह हो ,
सूरज का नया रूप 
लिये पता नहीं …..
मेरी अभिव्यक्ति की ये 
नयी परिभाषा है
तेरा नाम क्या है 
मेरी ज़िन्दगी  ?

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !