तुम्हारी यादो
के जिस्म में
एहसास बन
समाया हु मैं ,
जिन्हें यादो संग
मैंने पहना हुआ है ,
और अब इसी लिबास
को पहन रखना
चाहता हु ,
मैंने तुम्हारे एहसास को
किताबो में बांध
लिया है हर्फो संग
रोज अक्षर दर अक्षर
सजाया करता हु ,
तेरे नाम से
हर एक हर्फ़
चमकता है,
तेरी आँखों की
ख़ामोशी से
अपना नाम जोड़कर
कविता लिखता हु
रात भर और ,
सिमटता रहता हु
तुम संग सारी रात
यंहा इन किताबो में
हर्फो में और रात में ,
तुम बिलकुल मेरे
पास हो साथ हो
अभी। ..
के जिस्म में
एहसास बन
समाया हु मैं ,
जिन्हें यादो संग
मैंने पहना हुआ है ,
और अब इसी लिबास
को पहन रखना
चाहता हु ,
मैंने तुम्हारे एहसास को
किताबो में बांध
लिया है हर्फो संग
रोज अक्षर दर अक्षर
सजाया करता हु ,
तेरे नाम से
हर एक हर्फ़
चमकता है,
तेरी आँखों की
ख़ामोशी से
अपना नाम जोड़कर
कविता लिखता हु
रात भर और ,
सिमटता रहता हु
तुम संग सारी रात
यंहा इन किताबो में
हर्फो में और रात में ,
तुम बिलकुल मेरे
पास हो साथ हो
अभी। ..
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