Saturday, 8 February 2020

हैप्पी रोज़ डे !




हैप्पी रोज़ डे ! 

आज "रोज डे " है , 
तो मेरे दिल ने मुझ 
से बड़े ही अदब से 
फरमाइश की है ; 
क्यों ना आज फिर
से तुम्हें गुलाब की
तरह गुलाबी होते
देखा जाए ;
ठीक वैसे ही जैसे
पहली बार मेरी ही
अंगुलियों का स्पर्श
पाकर तुम्हारी देह
के सारे रोम रोम खड़े
हो गए थे ; 
और चेहरे से गुलाबी
आभा झरने लगी थी ,
तो चाहा आज फिर से
एक बार मेरे गुलाब की
गुलाबी को पा लू ; 
मैं अगर तुम्हारा गुलाब
हूँ तो तुम उस गुलाब की
गुलाबी आभा हो ; 
तो चलो इसी बहाने
इस "रोज डे " पर ,
अपनी गुलाबी आभा
अपने गुलाब पर झार
दो ना तुम !
   

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !