हैप्पी रोज़ डे !
आज "रोज डे " है ,
तो मेरे दिल ने मुझ
से बड़े ही अदब से
फरमाइश की है ;
क्यों ना आज फिर
से तुम्हें गुलाब की
तरह गुलाबी होते
देखा जाए ;
ठीक वैसे ही जैसे
पहली बार मेरी ही
अंगुलियों का स्पर्श
पाकर तुम्हारी देह
के सारे रोम रोम खड़े
हो गए थे ;
और चेहरे से गुलाबी
आभा झरने लगी थी ,
तो चाहा आज फिर से
एक बार मेरे गुलाब की
गुलाबी को पा लू ;
मैं अगर तुम्हारा गुलाब
हूँ तो तुम उस गुलाब की
गुलाबी आभा हो ;
तो चलो इसी बहाने
इस "रोज डे " पर ,
अपनी गुलाबी आभा
अपने गुलाब पर झार
दो ना तुम !
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