तेरा मेरा रिश्ता !
तेरे मेरे रिश्ते को
सदा ही मैंने रखा है ;
और सभी रिश्तों और
नातों से ऊपर बहुत ऊपर !
अपनों से परायों से
रिश्तों से नातों से
रितो से रिवाज़ों से
रस्मों से समाजों से !
सच से झूठ से
वर्तमान से भूत से
आशा से निराशा से
सुख से दुःख से !
जीवन से मृत्यु से
भक्त से भगवान से
हर एक चीज़ से
हर एक इंसान से !
इतना ऊपर रखा कि
वो रिश्ता आज मेरे ही
हाथ नहीं आ रहा है !
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