Thursday 22 August 2019

कुछ कमी सी है !


कुछ कमी सी है !

उससे मिलने के बाद मुझे 
अब यकीं सा होने लगा है ;
कि कोई ना कोई कमी तो है 
मुझमे तभी तो आज भी जब 
मैं उससे मिलता हूँ ;  
तब भी वो कुछ उदास और 
कहीं खोई-खोई सी ही नज़र 
आती है ;
जो अक्सर कहते नहीं थकती
की जब तुम नहीं होते साथ मेरे 
तो तुझे मैं हर एक शै: में 
ढूंढती हूँ ;
पहरों सोचती हूँ मैं तुम्हारे बारे 
तुमसे मिलने की मैं आस 
लगाती हूँ ;
पर जब मैं उसके साथ होता हूँ  
तो वो कुछ उदास और खोई-खोई 
सी किन्यु नज़र आती है !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !