Sunday 11 August 2019

पूर्णताः !


पूर्णताः !

पाना और पा 
लेने में जितना 
फर्क है उतना ही 
छूना और छू लेने 
में भी फर्क है
जैसे जीने और 
साथ जीने में है 
अभी अभी 
मुझे छूकर
गए हो जैसे तुम 
अब पूरी रात 
सिहरती रहूंगी मैं 
यु ही अकेले में 
ये फर्क जिस दिन 
तुम समझ जाओगे 
उस दिन मेरा प्रेम 
पूर्णताः को पा लेगा !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !