Friday 2 August 2019

कवितायेँ !


कवितायेँ !

कविताये समेटती है 
हमारे प्यार व तकरार के पल 
कविताये समेटती है 
पहली मुलाक़ात की ख़ुशी 
व जुदाई का दर्द भी 
कविताये समेटती है 
मोहब्ब्त के रंग और 
अभिव्यक्ति के ढंग भी 
साथ साथ समेटती है 
एक दूजे के द्वारा की 
गयी मनुहार व इकरार भी 
कविताये समेटती है 
कभी करार तो कभी 
इन्कार भी कभी स्वीकार 
तो कभी अंगीकार के पल भी 
कविताये समेटती है 
दिल ए बयान जिसमे 
रंग बदलती स्वांग रचती 
ख्वाब बुनती तो कभी 
चुनती है किरचें भी 
कविता का हर सफहा होता है 
दिल का आईना
हर लफ्ज़ होता है 
रूह की फरियाद !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !