Tuesday 13 August 2019

तुम्हारा नाम !


मैं कई बार 
ऐसा सोचता हूँ
कि आज तो 
मेरी रचना में 
मेरे हर्फों
यानी मेरे 
भावों की जगह
एक सिर्फ
तुम्हारा नाम 
लिख दूँ 
मेरी अभिव्यक्ति 
स्वयं हो जाएगी 
पूर्ण क्यों
क्या कहती हो 
तुम बोलो ?

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !