पूर्णताः का घूंट पिला !
तुम आओ मेरे पास इतनी
की मेरी गर्म सांसें तुम्हारे
गालो से टकराकर तुम्हारे
पास होने का एहसास मुझे
दिला सके !
तुम आओ मेरे पास इतनी
की तुम्हारे बदन की खुसबू
मेरे सांसो में घुलकर मुझे
पूर्णताः का घूंट
पिला सके !
तुम आओ मेरे पास इतनी
कि तुम्हारी बंद आँखों में
तैरते सपने मेरे होंठो का
स्पर्श पाकर मन ही मन
इतरा सके !
तुम आओ मेरे पास इतनी
की तुम्हारे गेसुओं में मेरी
अंगुलिया फिसलती हुई
तुम्हे सकु के कुछ पल
दिला सके !
तुम आओ मेरे पास इतनी
की मेरी बाँहों के घेरे में लिपटा
तुम्हारा ये कोमल तन मेरी
सारी कायनात को
हिला सके !
तुम आओ मेरे पास इतनी
की मेरी गर्म सांसें तुम्हारे
गालो से टकराकर तुम्हारे
पास होने का एहसास मुझे
दिला सके !
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