Monday 30 October 2017

तुम्हारी वो यादें


रात है खामोश 
सितारे भी है खामोश  
और पेड़ की 
डाल पर बैठा 
पीला-पीला सा 
चाँद भी है खामोश ...
मैं एक सिर्फ तुम्हे 
सोच रहा हूँ  ... 
और मुझसे बातें 
कर रही है 
तुम्हारी वो यादें 
जो कभी नहीं 
रहती मुझसे दूर
जैसे तुम रह लेती हो 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !