Saturday 14 October 2017

उदाहरण बनने का दर्द

प्रेम का दिया दर्द 
सहकर वो एक बार 
फिर एक नई स्थिति 
से गुजरने के लिए खुद 
को एक नए रूप में
तैयार करता है और  
उबड़खाबड़ ज़मीन पर भी  
नई हिम्मत और नयी ऊर्जा 
से खड़ा होता है 
एक नहीं सौ बार गिरता है
उठने के लिए निःसन्देह,
दुनिया के लिए तो वो 
उदाहरण बन जाता है 
उदाहरण से पूर्व जो वेदना 
उसने झेली होती है 
बाह्य और आंतरिक 
जो हाहाकार होता है
उसके हृदय में वो  
असहनीय होता है 
इसे हर कोई नहीं सह पाता.....
सिवाय प्रेम करने वाले के 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !