Friday, 20 October 2017

तुम आ जाओ मेरे पास

सुनो
सुनो ना 
अब सुन भी लो 
फिर ना कहना  "राम"
तुमने बताया ही नहीं मुझे ..
कुछ पल हमदोनो के साथ वाले
जो बो दिए थे मैंने मिटटी में जब 
तुमने स्वीकारा था मेरे प्रेम को 
अब वो खिलने वाले है 
तुम आ जाओ मेरे पास
दोनों साथ साथ अपना 
आशियाँ सजायेंगे और कुछ 
पलों को मैंने तुम्हारे आंचल में 
बांध दिया था वो पल 
अब सितारे बन झिलमिलाने 
वाले है तुम आ जाओ मेरे पास
दोनों मिल कर इस दीपावली में 
अपना आशियाँ सजायेंगे 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !