Wednesday, 7 February 2018

गुलाब की गुलाबी आभा हो तुम

                                                                       💕Rose Day💕
आज "रोज डे " है 
तो दिल ने बड़े ही 
अदब से फरमाइश की 
किन्यु ना आज फिर से 
तुम्हे गुलाबी होते देखा जाए 
ठीक वैसे ही जैसे
पहली बार मेरी  
अंगुलियों का स्पर्श
पाकर तुम्हारी देह के 
सारे रोम रोम खड़े 
हो गए थे और चेहरे से
गुलाबी आभार झरने 
लगी थी तो चाहा आज
फिर से एक बार  
गुलाब की गुलाबी 
को पा लू और मैं अगर
तुम्हारा गुलाब हु तो 
तुम उस गुलाब की 
गुलाबी आभा हो   
तो चलो इसी बहाने 
इस "रोज डे " पर 
अपनी गुलाबी आभा 
मुझपर झार दो 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !