मैंने सुना है बोलते
तुम्हारी इन आँखों को
जब तुम नहीं थी मेरे
सामने बस मैं था और
थी ये बोलती तुम्हारी आँखें
उसी ने किया था सबसे
पहले इकरार मेरे प्रेम का
वो भी तुमसे बिना पूछे
और मैंने मान लिया था
उसके इकरार को ही प्यार
मुझे क्या पता था की तुम
करोगी मुझे प्यार
बर्षों परखने के बाद
हां तुम्हारी आखों में
मेरी रूह आज भी
ठीक वैसे ही मचलती है
जैसे वो मचली थी उस
पहले दिन जब तुम
नहीं थी मैं था और थी
तुम्हारी बोलती आँखें
और हर रूह के किस्मत
में कहा लिखा होता है
यु किसी की आँखों में मचलना
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