Monday, 5 February 2018

किसी की आँखों में मचलना


मैंने सुना है बोलते 
तुम्हारी इन आँखों को 
जब तुम नहीं थी मेरे 
सामने बस मैं था और
थी ये बोलती तुम्हारी आँखें
उसी ने किया था सबसे 
पहले इकरार मेरे प्रेम का 
वो भी तुमसे बिना पूछे
और मैंने मान लिया था 
उसके इकरार को ही प्यार
मुझे क्या पता था की तुम 
करोगी मुझे प्यार 
बर्षों परखने के बाद
हां तुम्हारी आखों में
मेरी रूह आज भी 
ठीक वैसे ही मचलती है
जैसे वो मचली थी उस 
पहले दिन जब तुम 
नहीं थी मैं था और थी 
तुम्हारी बोलती आँखें  
और हर रूह के किस्मत 
में कहा लिखा होता है 
यु किसी की आँखों में मचलना 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !