बस कुछ पल के लिए ही
जब तुम दूर जाती हो
तब एहसास होता है
की मुझमे कुछ बाकी नहीं रहता
मेरे जीवन के आँगन में
मेरी खुशियों के दामन में
सिर्फ एक उदासी साथ रहती है
सारे सपने अधूरे से लगते है
दिन सदियों से लगते है
इन आँखों की जलती लौ
मध्यम सी पड़ने लगती है
बस कुछ पल के लिए ही
जब तुम दूर जाती हो
सब कुछ जैसे खाली खाली
सा लगने लगता है
जब तुम दूर जाती हो
तब एहसास होता है
की मुझमे कुछ बाकी नहीं रहता
मेरे जीवन के आँगन में
मेरी खुशियों के दामन में
सिर्फ एक उदासी साथ रहती है
सारे सपने अधूरे से लगते है
दिन सदियों से लगते है
इन आँखों की जलती लौ
मध्यम सी पड़ने लगती है
बस कुछ पल के लिए ही
जब तुम दूर जाती हो
सब कुछ जैसे खाली खाली
सा लगने लगता है
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