तुम्हारा दूर जाना !
तुम्हारा मुझ से दूर जाना जैसे
धधकती हुई आग में एकाएक
ऊपर से पानी पड़ जाना !
तुम्हारा मुझ से दूर जाना जैसे
हँसते हँसते अचानक से अश्कों
का बेबात छलक आना !
तुम्हारा मुझ से दूर जाना जैसे
चमकते धधकते सूरज के आगे
अचानक से काली काली बदलियों
का छा जाना !
तुम्हारा मुझ से दूर जाना जैसे
गले से निकलते सुरीले से गीत
का दूसरे ही पल में जैसे बेसुरा
सा हो जाना !
तुम्हारा मुझ से दूर जाना जैसे
सुबह सुबह का सबसे हसीं सपना
अधूरा रह जाना !
तुम्हारा मुझ से दूर जाना जैसे
किसी कश्ती का किनारे पर आकर
अचानक से डूब जाना !
तुम्हारा मुझ से दूर जाना जैसे
नूर से भरी मेरी आँखों से बरबस
ही अश्कों का बरस जाना !
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