Monday, 9 March 2020

अहम् का दहन !


अहम् का दहन ! 

आओ हम तुम करे दहन 
आज अपने अपने अहम् का 
जैसे भक्त प्रह्लाद ने किया था 
अपनी बुआ होलिका के अहम् का  
उसी अग्नि कुंड में जिसमे 
उसने अपने अहम् का चादर ओढ़ 
कर प्रह्लाद को जलाने का  सोचा था 
हमें बस करना होगा विश्वास 
वैसा ही जैसा किया था प्रह्लाद ने 
अपने भगवान नरसिंघ पर 
आओ हम तुम करे दहन 
आज अपने अपने अहम् का 
जैसे भक्त प्रह्लाद ने किया था 
अपनी बुआ होलिका के अहम् का !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !