पर तुम कहाँ हो !
भींगी-भींगी रुत है
भींगे-भींगे शब्द है
भींगी-भींगी रात है
पर तुम कहाँ हो ?
भींगे-भींगे भाव है
भींगे-भींगे होंठ है
भींगा-भींगा स्पर्श है
पर तुम कहाँ हो ?
भींगी-भींगी आहट है
भींगी-भींगी गुनगुनाहट है
भींगे-भींगे ज़ज़्बात है
पर तुम कहाँ हो ?
भींगी-भींगी सी तुम है
भींगा-भींगा सा मैं है
भींगा-भींगा सा आलम है
पर तुम कहाँ हो ?
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