Thursday, 1 June 2017

तुम्हारे बिना जीना


तुम्हे हसाना भी आता है 
तुम्हे रुलाना भी आता है
जब तुमसे रुठु तो
तुम्हे मनाना भी आता है
मेरी तो आदत है बक-बक
करते रहने की पर अगर
ये तुम्हे पसंद ना हो तो
मुझे चुप होना भी आता है
चाहे जितना तुम रुला लो मुझे
मुझे फिर भी अपना प्यार
निभाना आता है तुम्हारे लिए
हँसाना तो चुपके चुपके
रोना भी आता है पर इतना
जरूर याद रखना तुम
तुम्हारे बिना जीना
अब भी आता नहीं मुझको
और ये सिखने के पहले
मर जाना आता है मुझको 

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