Saturday 29 October 2022

पारिजात !!


                                                                                अलसुबह जब 

चुगने जाती हूँ 

जमीन पर बिखरे 

पारिजात को मैं 

उन्हें चुगते हुए 

नित्य लेती हूँ 

संकल्प जीवन 

पर्यन्त तुमसे उन 

पारिजात सा प्रेम 

करते रहने का मैं !

Thursday 13 October 2022

करवा चौथ !!


 

अपनी ख्वाहिशों को 

शब्दों का लिबास पहना

कर अपनी शर्म-ओ-हया 

को अपने मायके भेज 

दो तुम !

मैं तुम्हारी ख्वाहिशों 

का चाँद हूँ इस से रोज 

कुछ न कुछ मांग लिया 

करो तुम !


Wednesday 12 October 2022

शिकायत !

तुम अपनी शिकायतों 

का सिलसिला यूँ ही 

जारी रखना सदा, 

क्यूंकि मैंने देखा है 

तुम्हारी शिकायतों 

के पीछे छुपी उम्मीदों 

को बड़ी आस से मुझे 

टुकटुक देखते हुए, 

उन्हें देख कर लगता 

है कि कुछ शिकायतें 

सदा बनी रहनी चाहिए !



प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !