मनुहार व इकरार
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कविताये समेटती है
हमारे प्यार व तकरार के पल
कविताये समेटती है
पहली मुलाक़ात की ख़ुशी
व जुदाई का दर्द भी
कविताये समेटती है
मोहब्ब्त के रंग और
अभिव्यक्ति के ढंग भी
साथ साथ समेटती है
एक दूजे के द्वारा की
गयी मनुहार व इकरार भी
कविताये समेटती है
कभी करार तो कभी
इन्कार भी कभी स्वीकार
तो कभी अंगीकार के पल भी
कविताये समेटती है
दिल ए बयान जिसमे
रंग बदलती स्वांग रचती
ख्वाब बुनती तो कभी
चुनती है किरचें भी
कविता का हर
सफहा होता है
दिल का आईना
हर लफ्ज़ होता है
रूह की फरियाद !
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