Wednesday, 8 August 2018

दुःख या दर्द ना हो

दुःख या दर्द ना हो 
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जब तुम परेशान 
होती हो मेरे अलावा 
किसी और कारन से 
तो ना जाने क्यों मुझे 
बिल्कुल अच्छा नहीं 
लगता की तुम जरा 
भी परेशान रहो या 
रहो तकलीफ में या   
हो तुम्हे कोई भी दुःख 
या दर्द पता है मुझे ये 
मुझसे बिलकुल सहा 
नहीं जाता ना जाने क्यों 
ऐसा लगने लगता है जैसे  
तुम्हारी हर तकलीफ हर 
दर्द हर परेशानी मैं ले लू 
और अब तक लेता भी 
आया हु पर सुनो जब तुम 
मेरे लिए परेशान होती हो  
तो ना जाने क्यों मुझे 
बहुत अच्छा लगता है 
बस अच्छा नहीं लगता 
तो ये की तुम किसी और 
के लिए परेशां रहो ! 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !