तुम सच कहती थी
तुम पुजारी हो मै देवता
तुम सचमुच पुजारी थी
पुजारी छोड देता है
पूजा एक भगवान की
फिर किसी दूसरे की
तुमने भी बदल लिया
अपना देवता
सदा से पुजारी ही बदलते है
कभी देवता नही बदलते
वे वही रहते है अपने स्थान पर
स्थिर अडिग
क्योकि वे जानते है
एक दिन उनका पुजारी
अवश्य आयेगा
फिर उन्ही की शरण मे
पर शायद इस बार
पहली बार होगा
जब देवता नहीं मिलेगा
उस जगह जब तक
तुम लौटोगी
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