Saturday, 6 May 2017

ख़यालों की उड़ान










सोचता हूँ
थोड़ी देर के लिए
धीमी सी आवाज़ में
कोई गजल लगा कर
शांति से बैठूँ तो ये
ख़यालों की उड़ान
तुम्हारी तरफ छिटका
ले जाती है.... और
फिर ऐसा होता है कि
तुम्हारे बिना कोई काम
नहीं होता है मेरा,
चारो तरफ एक खालीपन
छोड़ गयी हो मेरे आस-पास...

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