Monday, 1 May 2017

क्या नास्तिक हो गयी हो ?








पिछले कुछ दिनो से
तुम न आयी
क्या नास्तिक
हो गयी हो ?
या मन मन्दिर मे
रख ली है
नई प्रतिमा कोई
जिसे पूजने से
तुम्हारे सारे सपने
पुरे होने लगे है
और जिनके साथ
रह रही थी बरसो से
तड़पती जिस प्रेम के लिए
वो प्रेम भी अब उनसे
मिलने लगा है 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !